शक्ति धाम कस्बा कैलादेवी में 19 मार्च से शुरू हुआ उत्तर भारत का प्रसिद्ध चैत्र मासी लक्खी मेला पूरे परवान पर है। मैया के दरबार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं की कतार नहीं टूट रही है, वहीं सड़क मार्गों पर पदयात्रियों की रेलमपेल से करौली लघुकुंभ बना हुआ है। गुरुवार को अमावस्या होने से मेले में दर्शनार्थियों की विशेष भीड़ रहने की संभावना है। कस्बे सहित क्षेत्र में लांगुरिया गीतों की धूम से माहौल भक्तिमय बना हुआ है।
मां के दर्शनों के लिए मथुरा,आगरा,अलीगढ़,हाथरस,भरतपुर,बयाना,भुसावर,बाडी,सरमथुरा,मुरैना,धौलपुर, ग्वालियर सहित दिल्ली,बिहार,हरियाणा सहित कई राज्यों से श्रद्धालुओं की कैलादेवी मार्ग पर कतारबद्ध श्रंखला बनी हुई है। जिले के प्रमुख सड़क मार्ग पदयात्रियों से अटे पड़े हुए हैं,वहीं श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने करीब 700 बसें लगाई हैं, वहीं हजारों निजी वाहन संचालित हैं।
पदयात्रियों की सुविधा व सेवाभाव के लिए मार्ग पर जगह-जगह निशुल्क भंडारे व चिकित्सा कैंप व आराम गृह बने हुए हैं। आस्थाधाम कैलादेवी स्थित धर्मशाला,सार्वजनिक स्थल व होटल आदि सभी यात्रियों से खचाखच भरे हुए हैं। भीड़ अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को मां की झलक पाने के लिए घंटों रेलिंग में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर मेले में खाने-पीने की दुकानों के अलावा, मनोरंजन,खेल-खिलौने व सुहाग की दुकानों पर बिक्री जोरों पर है।
पुल पर अंधेरा
मेले के दौरान हर वर्ष कालीसिल पुल पर रोशनी की व्यवस्था की जाती है मगर इस बार रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे संकरे पुल पर अंधेरा होने से श्रद्धालु, पदयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Jai kaila devi
By denikbhaskar
मां के दर्शनों के लिए मथुरा,आगरा,अलीगढ़,हाथरस,भरतपुर,बयाना,भुसावर,बाडी,सरमथुरा,मुरैना,धौलपुर, ग्वालियर सहित दिल्ली,बिहार,हरियाणा सहित कई राज्यों से श्रद्धालुओं की कैलादेवी मार्ग पर कतारबद्ध श्रंखला बनी हुई है। जिले के प्रमुख सड़क मार्ग पदयात्रियों से अटे पड़े हुए हैं,वहीं श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने करीब 700 बसें लगाई हैं, वहीं हजारों निजी वाहन संचालित हैं।
पदयात्रियों की सुविधा व सेवाभाव के लिए मार्ग पर जगह-जगह निशुल्क भंडारे व चिकित्सा कैंप व आराम गृह बने हुए हैं। आस्थाधाम कैलादेवी स्थित धर्मशाला,सार्वजनिक स्थल व होटल आदि सभी यात्रियों से खचाखच भरे हुए हैं। भीड़ अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को मां की झलक पाने के लिए घंटों रेलिंग में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर मेले में खाने-पीने की दुकानों के अलावा, मनोरंजन,खेल-खिलौने व सुहाग की दुकानों पर बिक्री जोरों पर है।
पुल पर अंधेरा
मेले के दौरान हर वर्ष कालीसिल पुल पर रोशनी की व्यवस्था की जाती है मगर इस बार रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे संकरे पुल पर अंधेरा होने से श्रद्धालु, पदयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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