Thursday, 22 March 2012

how to reach Kaila Devi Mela or Kaila Devi Fair?

The nearest railway station is that of Hindaun that is located at a distance of 48 kilometer. Shri Mahavirji is another line that head to the Western railway near Kaila Devi . It is also approachable  on roads from Karauli, Hindaun and Mahavirji. During the fair the state transport as well as private transport operators provide taxis, buses keeping in mind the amount of people visiting the fair or maila. 




Jai Kaila Maiya.

Maiya Languria the court, the line of pilgrims

Shakti Dham Kaila devi town began March 19 in North India, the club is famous Chaitra Mela lakkhi aunt. Maiya line of devotees to reach the court is not broken, Relmpel of pedestrians on the road from Karauli Lgukunb remains. Special visitors to the fair on Thursday, the moon is likely to be crowded. Languria hit songs, including the devotional atmosphere of the town remains. For mother's Views Gwalior and Delhi, Bihar, Haryana and other states on the path of devotees queued Kailadevi series remains. District's major roads are littered with pedestrians, traffic to the faithful about 700 buses of Rajasthan State Transport Corporation has introduced the path, there are thousands of private vehicles operated. Pedestrians on the path to the facility and Sewabav place to place - is it too late and the medical camps and rest houses remain free. Kaila devi Asthadham the hospice, public places and hotels etc. All are packed with travelers. Congestion due to more hours to catch a glimpse of her devotees belonging to the railings have to wait. While eating at the fair - in addition to drinking shops, entertainment, games - Toys and shops selling wedding is at its peak. Pull on the dark Every year during Kalisil lights on the bridge is provided but this has not been illuminated. The narrow dark pilgrims on the bridge, pedestrians facing is the problem.


Jai kaila devi 




By denikbhaskar

लांगुरिया मैया का दरबार,श्रद्धालुओं की कतार

शक्ति धाम कस्बा कैलादेवी में 19 मार्च से शुरू हुआ उत्तर भारत का प्रसिद्ध चैत्र मासी लक्खी मेला पूरे परवान पर है। मैया के दरबार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं की कतार नहीं टूट रही है, वहीं सड़क मार्गों पर पदयात्रियों की रेलमपेल से करौली लघुकुंभ बना हुआ है। गुरुवार को अमावस्या होने से मेले में दर्शनार्थियों की विशेष भीड़ रहने की संभावना है। कस्बे सहित क्षेत्र में लांगुरिया गीतों की धूम से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। 

मां के दर्शनों के लिए मथुरा,आगरा,अलीगढ़,हाथरस,भरतपुर,बयाना,भुसावर,बाडी,सरमथुरा,मुरैना,धौलपुर, ग्वालियर सहित दिल्ली,बिहार,हरियाणा सहित कई राज्यों से श्रद्धालुओं की कैलादेवी मार्ग पर कतारबद्ध श्रंखला बनी हुई है। जिले के प्रमुख सड़क मार्ग पदयात्रियों से अटे पड़े हुए हैं,वहीं श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने करीब 700 बसें लगाई हैं, वहीं हजारों निजी वाहन संचालित हैं। 

पदयात्रियों की सुविधा व सेवाभाव के लिए मार्ग पर जगह-जगह निशुल्क भंडारे व चिकित्सा कैंप व आराम गृह बने हुए हैं। आस्थाधाम कैलादेवी स्थित धर्मशाला,सार्वजनिक स्थल व होटल आदि सभी यात्रियों से खचाखच भरे हुए हैं। भीड़ अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को मां की झलक पाने के लिए घंटों रेलिंग में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर मेले में खाने-पीने की दुकानों के अलावा, मनोरंजन,खेल-खिलौने व सुहाग की दुकानों पर बिक्री जोरों पर है। 

पुल पर अंधेरा 

मेले के दौरान हर वर्ष कालीसिल पुल पर रोशनी की व्यवस्था की जाती है मगर इस बार रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे संकरे पुल पर अंधेरा होने से श्रद्धालु, पदयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  



Jai kaila devi


By denikbhaskar

Wednesday, 21 March 2012

Kaila Maiya mere ghar aana


कैला मैया कौ जुरौ है दरबार

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कैलादेवी का मेला सोमवार से शुरू हो चुका है। माता के दर्शनों के लिए पदयात्रियों के आने का सिलसिला जारी है। प्रत्येक रास्ते में श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है। पदयात्रियों की आवभगत में ग्रामीण जुटे हुए हैं और करौली मार्ग पर कई स्थानों पर भंडारे आयोजित किए गए है। इनमें पदयात्रियों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा, ठहरने आदि की व्यवस्था की गई है। कैला मैया कौ जुरौ है दरबार लांगुरिया चलौ तौ दरशन कर आमैं जैसे गीत गाते हुए पदयात्री कैलादेवी के लिए जाते हुए देखे जा रहे हंै। कई पदयात्रियों के दल में कैला माता की झांकियां सजाकर ले जाई जा रही हैं। करौली स्थित राजकीय कॉलेज के पास, कोमल होटल के पास कांचरौली, फुलवाड़ा, खेड़ा पेट्रोलपंप के पास, गढीबांधवा आदि स्थानों पर कैलादेवी पदयात्रियों के लिए भंडारे लगाए गए हैं। 

फैलीपुरा. स्थानीय लोग पद यात्रियों के सेवा में जुट गए हैं। ग्रामीण पदयात्रियों को पानी, दवाइयां, पैर दबाना, विश्राम गृह आदि में ठहराने की व्यवस्था करने लगे हैं। कैलादेवी पदयात्रियों के लिए कई स्थानों पर नि:शुल्क भंडारे लगाए गए हंै। 

सूरौठत्न उदासी के बाग में कैला मइया का भंडारा समारोहपूर्वक शुरू हुआ। भंडारे का उद्घाटन हिंडौन कृषि उपज मंडी समिति की चेयरमैन शकुंतला मीणा एवं पूर्व प्रधान शिवराज मीणा ने किया। इसके अलावा विवेकानंद उच्च माध्यमिक स्कूल के पास तथा इंदिरा गांधी उच्च माध्यमिक स्कूल के सामने भी भंडारे शुरू किए गए हंै। 

पदयात्रियों को चिकित्सा सेवा 

हिंडौन सिटीत्नचौपड़ सर्किल पर संचालित आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में सोमवार को तीसरे दिन 850 पदयात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा का लाभ दिया। पदयात्रियों को यात्रा के दौरान हुए छालों, घाव आदि पट्टी, मल्हम द्वारा उपचार करने के साथ दर्द निवारक तेलों से मालिश और थकान उतारने हेतु औषधियां प्रदान की।  





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पहले दिन 1 लाख ने किए दर्शन

शक्तिधाम कैलादेवी में सोमवार को उपखंड अधिकारी ओ.पी.बुनकर ने विधिवत पूजा अर्चना कर मेले का शुभारंभ किया। प्रथम दिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने राज राजेश्वरी कैला मां के दर्शन कर मनौतियां मांगी। 

करौली से कैलादेवी मुख्य सड़क पर पदयात्रियों की रेलमपेल बनी हुई है और ठेला गाड़ी रिक्शों में मां की ज्योति जलाकर डीजे की धुन पर लांगुरिया गीतों पर थिरकते हुए श्रद्धालु जोश के साथ मां के जयकारे लगाते हुए बढ़ रहे हैं। पदयात्रियों की भीड़ के चलते सुबह से ही पवित्र नदी कालीसिल के घाटों पर स्नान करने वालों का तांता लगा हुआ है। कालीसिल पुल से मंदिर भवन तक रंग-बिरंगे परिधानों में श्रद्धालुओं की अनुपम रेला दिखाई देता है। भीड़ अधिक होने से श्रद्धालुओं को रैलिंग में लगकर मां के दर्शनों के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा। कैलादेवी मंदिर ट्रस्ट के सोल ट्रस्टी कृष्णचन्द्र पाल ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और ट्रस्ट प्रबंधक हनुमंत सिंह को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।  



Jai Kaila Devi


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कैला मैया के पदयात्रियों की सेवा में जुटे लोग

हिंडौन सिटी. कैलादेवी मेले में आ रहे पदयात्रियों के काफिले में कई रोचक नजारे देखने को मिल रहे है। एक नवजात शिशु को अपने साथ ले जाता परिजन। 

हिंडौन सिटी. कैलादेवी के पदयात्रियों की चिकित्सा के लिए कई स्थानों पर समाजसेवी संगठनों द्वारा शिविर लगाए गए है। रीठौली गांव के पास एक शिविर में पदयात्री की चिकित्सा करता समाजसेवी। 

हिंडौन सिटी. कैलादेवी मेले के पदयात्रियों के लिए जमालपुर गांव के पास लगाए गए भंडारे में पदयात्रियों को चावल वितरित करते हुए। 





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